आज हम इस पोस्ट में मगरिब की नमाज की रकात (magrib ki namaz ki rakat) जानेंगे और मगरिब की नमाज का वक्त मगरिब की नमाज की फजीलत और बहुत सारी बातें जानेंगे
मगरिब की नमाज पढ़ने की फजीलत
मगरिब की नमाज 5 फर्ज नमाजों में से एक नमाज है और फर्ज नमाज हर मुसलमान आकिल बालिग मर्द औरत पर फर्ज है मगरिब की पढ़ने की बड़ी फजीलत आई है
हजरत आयशा रज़ी याल्लाहु अनहा फरमाती है के रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहिवल्लम वसल्लम ने फरमाया अल्लाह पाक के नजदीक सबसे अफजल नमाज मगरिब की नमाज है
और जो उसके बाद दो रकात पढ़ेगा अल्लाह उसके लिए जन्नत में घर बना देगा वह (जन्नत में )सुबह करेगा और राहत पाएगा (इस हदीस को तब रानी से लिया गया है )
और मगरिब की नमाज़ के बारे में दूसरी हदीस इस तरह है हजरत अनस बिन मलिक रज़ी याल्लाहु अन्ह से फरमाते हैं नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया
जिसने मगरिब की नमाज जमात के साथ अदा की उसके लिए मकबूल हज और उमरा का सवाब लिखा जाएगा और वह ऐसा है गोया उसने शबे कादर में कयाम किया. मगरिब की नमाज पढ़ने की इतनी बड़ी फजीलत है
मगरिब की नमाज की रकात (magrib ki namaz ki rakat)
मगरिब की नमाज ईशा की नमाज की तरह ताक अदद वाली नमाज है मगरिब की नमाज़ वाहिद एक ऐसी नमाज है जिस नमाज में फर्ज तीन रकात है
उसके अलावा बाकी नमाजों में फर्ज दो या चार रकात है लेकिन मगरिब की नमाज में फर्ज तीन रकात है मगरिब की नमाज में टोटल 7 रकात है तीन रकात फर्ज दो रकात सुन्नत दो रकात नफिल
- मगरिब की रकात
- 3 रकात फर्ज
- 2 रकात सुन्नत
- 2 रकात नफील
मगरिब की नमाज में कितनी रकात फर्ज है और कितनी रकात सुन्नत

मगरिब की नमाज में तीन रकात फर्ज है दो रकात सुन्नत ए मुआक्कदा है और दो रकात लास्ट में नफिल है
फर्ज | 3 रकात फर्ज | ||
सुन्नत | 2 रकात सुन्नत | ||
नफील | 2 रकात नफिल |
मगरिब में पहले फर्ज पढ़े या सुन्नत
मगरिब की नमाज़ में पहले तीन रकात फर्ज नमाज पढ़ी जाती है उसके बाद दो रकात सुन्नत ए मुआक्कदा और लास्ट दो रकात नफिल नमाज पढ़ी जाती है
मगरिब का वक्त कब से कब तक रहता है (magrib ka waqt kab se kab tak rahata hai)
मगरिब की नमाज का वक्त सूरज डूबने के बाद शुरू होता है सूरज डूबने के बाद से मगरिब की नमाज अदा कर सकते हैं मगरिब का आखिरी वक्त सूरज के डूबने बाद जिधर सूरज डूबा है उधर यानी मगरिब में कुछ देर सुर्खी रहता है
और सुर्खी खत्म होने के बाद सफेदी आती है तो इस सफेदी के खत्म होने तक मगरिब का वक्त रहता है सफेदी के खत्म होते ही मगरिब का वक्त भी खत्म हो जाता है और यह तकरीबन डेढ़ घंटे तक रहता है
मगरिब की नमाज अजान बाद फौरन अदा करें या बद में
मगरिब की अजान मगरिब का वक्त दाखिल होते ही होती है तो अजान के बाद फौरन मगरिब की नमाज अदा करना अफजल है
और बगैर किसी मजबूरी के देर से पढ़ना मकरूह है इसलिए मगरिब की नमाज अजान के बाद जल्दी पढ़लेना चाहिए
मगरिब की नमाज सफर में कितनी रकात पढ़े
आपको मालूम ही होगा की सफर सफर में सुन्नत माफ हो जाता है और फर्ज नमाज आधा जाते हैं लेकिन मगरिब में तीन रकात फर्ज नमाज है और तीन रकात की आधी नमाज डेढ़ रकात इस्लाम मैं नहीं है
मुसाफिर हजरात जो सवा 77 किलो मीटर की दूरी की के सफर का इरादा करें तो वह शरीयत के लिहाज से मुसाफिर है अब यह शख्स मगरिब की तीन रकात फर्ज नमाज मुकम्मल पढ़ेगा
conclusion (आखिरी बात)
अगर आपने इस पोस्ट को मुकम्मल पढ़ लिया है तो आप अच्छी तरीके से जान गए होंगे कि मगरिब की नमाज में कितनी रकात है मगरिब का वक्त कब शुरू होता है और कब खत्म होता है
मगरिब की नमाज कब पढ़नी चाहिए और सफर में मगरिब की नमाज कितनी रकात पढ़नी चाहिए जब हम यह सारी बातें जान चुके हैं तो हमारे ऊपर एक जिम्मेदारी आ जाता है
वह यह है कि जो कुछ हमने जाना है वह हम अपने भाई बहनों को भी सिखाए और उनको भी नमाज की पाबंद बनाएं
अगर आपके पास टाइम नहीं है सिखाने के लिए तो कम से कम इस पोस्ट को उन तक जरूर शेयर कर दें ताकि आपको और हमें भी सवाबमले और हमें अपनी दुआओं याद रखें
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