आज हम इस पोस्ट में कर्ज उतारने की दुआ ( Karz utarane ki dua) को सीखेंगे हिंदी इंग्लिश अरबी में
कर्ज का अर्थ क्या है
कर्ज एक अरबी लफ्ज़ है जिसका अर्थ उधार के होता है कर्ज हर इंसान के पास होता है चाहे अमीर हो गरीब हो लाखों का मालिक हो या करोड़ का मालिक हो
यानि कोई इंसान ऐसा नहीं है जिसके पास कर्ज नहीं है और जिसके पास जितना कर्ज होता है वह उतना ही परेशानी और दुख में रहता है
इसलिए कर्ज के बारे में हमारे नबी मोहम्मद सल्लल्लाहुअलेही वसल्लम ने बहुत सारी दुआएं बताई हैं जिनको पढ़कर हम अपना कर्ज हल्का कर सकते हैं तो आईए जानते हैं
कर्ज उतारने की दुआ हिंदी में , karz utarane ki dua Hindi mein
अल्लाहुम्मक फिनि बिहाला लिका अन हरामिका वा अग्निनी बिफ़ज़ लिका अम्मन सिवाक

karz utarane ki dua in English
allahummakfini bi halalika an haramika wa agnini bi faz lika Amman siwak

Karz utarane ki dua in Arabic
اَللّٰهُمَّ اكْفِنِيْ بِحَلَالَكَ عَنْ حَرَامِكَ وَاَغْنِنِيْ بِفَضْلِكَ عَمَّنْ سِوَاك

कर्ज उतारने की दुआ पढ़ने के फायदे
हजरत अली रज़ी याल्लाहु अन्ह से रिवायत है कि आपके पास एक मुकताब (गुलाम ) आया और उसने कहा कि मैं अदा ए किताबत से अजीज आ गया हूं मेरी कुछ मदद फरमादीजिए
हजरत अली राजी याल्लाहू अन्ह ने फरमाया क्या मैं तुझे वह कलमें ना सिखा दूं जो मुझे सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम ने सिखाए थे
अगर तुझ पर पहाड़ के बराबर भी कर्ज हो तो अल्लाह तुझ से अदा करा देगा यह पढ़ा करो اَللّٰهُمَّ اكْفِنِيْ بِحَلَالَكَ عَنْ حَرَامِكَ وَاَغْنِنِيْ بِفَضْلِكَ عَمَّنْ سِوَاك(ये हदीस तिरमिजी शरीफ में है)
इस हदीस का मतलब यह है कि जो इंसान कर्ज में डूबा हुआ है और उसपे पहाड़ जितना कर्ज हो लेकिन अल्लाह पर यकीन कर इस दुआ को पढ़ें तो इंशाल्लाह वह सारे कर्ज अल्लाह के फ़ज़्ल वा करम से टूट जाएगा
कर्ज से बहुत ज्यादा परेशान हो तो यह दुआ पढ़ें
اَللّٰهُمَّ اِنِّيْ اَعُـوْذُ بِكَ مِنَ الْهَمِّ وَالْحَزَنِ وَاَعُوُْذ بِكَ مِنَ الْعَجْزِ وَالْكَسَلِ وَاَعُوْذُ بِكَ مِنَ الْجُبْنِ َوالْبُخْلِ وَاَعُوْذُ بِكَ مِنْ غَلَبَةِ الدَّيْنِ وَقَهْرِ الرِّجَال
ترجمہ: یا اللہ میں تیری پناہ پکڑتا ہوں غم اور فکر سے اور میں تیری پناہ پکڑتا ہوں کم ہمتی اور سستی سے اور میں تیری پناہ پکڑتا ہوں بزدلی اور کنجوسی سے اور میں تیری پناہ پکڑتا ہوں قرض کے غلبہ اور لوگوں کے ظلم و ستم سے
Karz se bahut jyada pareshan ho to yah dua padhe in English
allahumma in aouzu bika manal hammi wal hazaani wa aouzu bika Minal ajzi wal kasli wa aouzu bika minal jubni wal bukhli wa aouzu bika min galaba tid daini wa qah rir rijali
Tarjuma in English : ya Allah main Teri panah pakadta hun gam aur fikr se aur main Teri panah pakadta hun kam hiMati aur susti se
aur main Teri panah pakadta hun bujdili aur kanjusi se aur main Teri banah pakadta hun karj ke galba aur logon ke julm Sitam se
कर्ज से बहुत ज्यादा परेशान हों तो यह दुआ पढ़े हिंदी में
अल्लाहुम्मा इन्नी आऊ जू बिका मिनल हम्मी वल हाजानी वा आऊजू बिका मिनल अज्जी वल कसली वा आऊजू बिका मिनल ज़ुब्नी वल बुखली वा आऊजू बिका मिन गालाबा तीद दैनि वा क़हरीर रिजाली
तर्जुमा इन हिंदी: या अल्लाह मैं तेरी पनाह पकड़ता हूं गम और फक्र से और मैं तेरी पनाह पकड़ता हूं कम हिम्मती और सुस्ती से और मैं तेरी पनाह पकड़ता हूं बुज दिली और कंजूसी से और मैं तेरी पनाह पकड़ता हूं कर्ज के गलबा और लोगों के जुल्म सितम से
इस दुआ के पढ़ने की फजीलत
अबू सईद खुदरी राजी याल्लाहू अन्ह से रिवायत है फरमाया के एक दिन आप सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम मस्जिद में आए
वहां एक अंसारी सहाबी को बैठे हुए देखा जिनका नाम अबू उममा था आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने पूछा ये अबू उममा मैं तुम्हे नमाज के वक्त के अलावा मस्जिद में देख रहा हूं
उन्होंने कहा या रसूलुल्लाह मुझे बहुत ससारी परेशानी और कर्ज ने घेर रखा है
तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया तुम्हें क्या मैं वह कालीमत ना सिखला दूं जिनके पढ़ने से अल्लाह तुम्हारे गम को दूर कर देगा और तुम्हारा कर्ज अदा कर देगा
तो मैंने कहा क्यों नहीं या रसूलुल्लाह तो आपने फ़रमाया जब तू सुबह करें और श्याम करें तो यह पढ़ लिया कर ( आखिर तक اَللّٰهُمَّ اِنِّيْ اَعُـوْذُ بِكَ)
हजरत अबू उममा राजी याल्लाहू अन्ह फरमाते हैं मैंने ऐसा ही किया जैसा आपने कहा था तो अल्लाह ने मरे गम को दूर कर दिया और मेरा कर्ज भी अदा कर दिया (तिरमिजी शरीफ)
और एक दूसरी हदीस शरीफ में आता है हजरत अनस राजी याल्लाहू अन्ह फरमाते हैं नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कुछ दुआ को पढ़ना नहीं छोड़ते थे (यानी उस दुआ को पाबंदी के साथ पढ़ा करते थे उनमें से एक यह है) ( तक आखिर اَللّٰهُمَّ اِنِّيْ اَعُـوْذُ بِكَ)
आखिरी बात
हमने इस पोस्ट में जाना कि अगर हमारे पास बहुत ज्यादा परेशानी और गम और कर्ज हो तो हमें नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने जो दुआ बताई है उन्हें पढ़ना चाहिए
और इस दुआ को अपने घर वालों को भी सीखना चाहिए क्योंकि कर्ज एक ऐसी चीज है जो हर अमीर गरीब के पास होता है
तो हम इन चीजोंसे छुटकारा पाने के लिए इन दुआ को जरूर पढ़ें और दूसरों को भी पढ़ने के लिए कहे और इस पोस्ट को एक बार दूसरों तक जरूर शेयर करें सवाब की नियत से
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