अस्सलामू आलेकुम मेरे प्यारे भाई बहनों आज हम इस पोस्ट में masjid me jane aur aane ki Dua सीखेंगे और मस्जिद में दखिल होने की सुन्नत क्या है किस तरीके से मस्जिद में दाखिल हों एक-एक बातों को जानेंगे
Masjid me jane aur aane ki Dua ki hadis
हजरत अबू हुमाईद राजी याल्लाहू अन्ह से रिवायत है कि आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया जब तुम में से कोई मस्जिद में दाखिल हो
तो ये कहे अल्लाहुम्मफ़ तहली अब्वाबा रहमातिक और जब तुम में से कोई मस्जिद से निकले तो यह कहे अल्लाहुम्मा इन्नी अस अलुका मीन फाजिल्का
Masjid me dakhil ke hone ki Dua in Hindi
अल्लाहुम्मफ़ तहली अब्वाबा रहमातिक
तर्जुमा: अल्लाह मेरे लिए अपनी रहमत के दरवाजे खोल दे
Masjid me dakhil hone ki Dua in Arabic
َاَللّٰهُمَّ افْتَحْ لِيْ اَبْوَابَ رَحْمَتِك
ترجمہ،یا اللہ میرے لیے اپنی رحمت کے دروازے کھول دے
masjid mein dakhil hone ki Dua in English
allahummaf tahli ab waba rahmatik
Tarjuma : ya Allah mere liye apni Rehmat ke darvaje khol de

masjid se nikalne ki Dua in Hindi
अल्लाहुम्मा इन्नी अस अलुका मीन फाजिल्का
तर्जुमा: या अल्लाह मैं तुझ से तेरे फजल का तलब गार हूँ
masjid se nikalne ki Dua in Arabic
َاَللّٰهُمَّ اِنِّيْ اَسْاَلُكَ مِنْ فَضْلِك
،ترجمہ : یا اللہ میں تجھ سے تیرے فضل کا طلبگار ہوں
masjid se nikalne ki Dua in English
allahumma inni as alu ka min Fazilka
Tarjuma: ye Allah Main tujhse Tere Fazal ka talab gar hoon

masjid me jaane aur aane ki Dua padhne ke fayde
मस्जिद में दाखिल होने की दुआ और मस्जिद से निकलने की दुआ के पढ़ने के फायदे बहुत सारे हैं जब मस्जिद में दाखिल होते वक्त हम इस दुआ को पढ़ते हैं
तो इस दुआ के जरिए हम अल्लाह-ताला से रहमत मांगते हैं सलामती मांगते हैं और भलाई मांगते हैं जब मस्जिद से निकलते वक्त की पढ़ते हैं तो इस दुआ में भी अल्लाह से मेहरबानी इनायत तलब करते हैं
इन दोनों दुआ के पढ़ने से हमें अल्लाह ताला की तरफ से रहमत और मेहरबानी मिलती है जब अल्लाह ताला की तरफ से मेहरबानी मिल जाए
तो हमें और चीज मांगने की जरूरत ही नहीं होगी इसलिए मस्जिद में दाखिल होते वक्त और निकलते वक्त की दुआ को जरूर पढ़ें
मस्जिद में दाखिल होने की दुआ कब पढ़ें
मस्जिद में दाखिल होने की दुआ उस वक्त पढ़े जब आप मस्जिद के हद या जमीन में आ जाए चाहे वहां मस्जिद के दरवाजे हो या ना हो
जब आप मस्जिद के हद में अजाए तो उसी वक्त आपको दुआ पढ़ लेना चाहिए इसी तरह निकलते वक्त जब आप मस्जिद के हद से निकले तो उसी वक्त आप दुआ पढ़लें
मस्जिद में दाखिल होने के सुन्नत और आदाब
- जब आप मस्जिद में दाखिल हों तो पाकी की हालत में दाखिल हों
- मस्जिद में दाखिल होते वक्त दाहिना कदम पहले रखें
- दाखिल होते वक्त दुआ पढ़े
- एतिकाफ की नियत कर लें
- पांव में धूल लगे हो तो उसे साफ करके दाखिल हों
- मस्जिद में दाखिल होते वक्त इत्मीनान के साथ दाखिल हो दौड़ के दाखिल ना हों
मस्जिद में दाखिल होने के बाद की सुन्नत और आदाब
- मस्जिद में बेला जरूरत बात ना करें
- मस्जिद में कोई कूड़ा करकट पड़ी हुई हो तो उसे जेब में रख ले और बाद में मस्जिद से बाहर फेंक दे
- मस्जिद में चहल कदमी ना करें
- अगर मस्जिद में कोई आदमी इबादत में मशगूल हो तो उसे सलाम ना करें जो खाली बैठे हुए हो उन्हें सलाम करें आहिस्ता से करें
- अगर कोई नमाज पढ़ रहा होतो आप कुरान धीरे पढ़ें
मस्जिद से बाहर निकलने की सुन्नत और आदाब
- जब आप मस्जिद से बाहर निकले बाय पांव पहले निकालें
- मस्जिद से बाहर निकलने की दुआ पढ़ें
- इत्मीनान के साथ निकले
FAQ
मस्जिद में दाखिल होने की दुआ क्या है?
मस्जिद में दाखिल होने की दुआ : अल्लाहुम्मफ़ तहली अब्वाबा रहमातिक
मस्जिद से बाहर निकलने की दुआ क्या है?
मस्जिद से बाहर निकलने की दुआ : अल्लाहुम्मा इन्नी अस अ लुका मीन फाजिल्का
conclusion
आज हमने इस मजमून में मस्जिद से निकलने और मस्जिद में दाखिल होने की दुआ को सिखा अगर आपने इस मजमून को पूरा पढ़ लिया है तो उम्मीद है कि आप दोनों दुआ को अच्छी तरीके सीख गए होंगे
सीखने के बाद आप सबसे पहला कार्य ये करें जब भी आप मस्जिद में दाखिल हो और निकले तो जरूर दुआ को पढ़ें
दूसरा काम यह करें कि आप अपने घर वालों को भी यह दुआ जरूर सिखाएं और अपने दोस्तों तक जरूर इस पोस्ट को जरूर शेयर करें और अपनी दुआ में हमें भी याद रखें
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