अस्सलामू आलेकुम मेरे भाई बहनों आज हम इस पोस्ट में shab e barat ki namaz के बारे में जानेंगे और शबे बरात में क्या-क्या पढ़ना चहिए उस सब चीजों को भी जानेंगे
shab e barat kya hai
शब ए बरात इस्लामी महीना शाबान की 15 वीं रात को कहा जाता है 15 वीं शाबान की रात मैं मुसलमान पुरी रात जाग कर इबादत करते हैं
Shab e barat ki Namaz
शबे बरात एक मुकद्दस रातों में से एक रात है इस रात में लोग कसरत से इबादत करते हैं तस्बीह और तिलावत में मशगूल रहते हैं लेकिन हम लोगों को दिमाग में एक सवाल आता है क्या शबे बरात के लिए कोई खास नमाज है या नहीं
तो उसका जवाब यह है खास शबे बरात के लिए या शबे बरात के नाम से कोई नमाज नहीं है जिस तरह और दिन और रात में नमाजे पढ़ते हैं बिल्कुल इसी तरह इस रात में भी नफिल नमाज पढ़ेंगे

Shab e barat ki fazilat
इसमें कोई शक नहीं है की शबे बारात एक बरकत वाली रात है और इस रात में गुनहगारों को बख्श दिया जाता है और इस रात में इबादत करने वाले सवाब से मालामाल हो जाता है
हदीस शरीफ में आता है हजरत आयशा रजी याल्लाहु अनहा फरमाती है मैंने आप ﷺ को बिस्तर पर ना पाया तो मैं आपकी तलाश में निकली तो आपको जन्नतुल बकी (कब्रिस्तान ) में पाया
फिर मुझे आप ﷺ ने फ़रमाया कि आज शाबान की 15 वीं रात है और इस रात में अल्लाह आसमा ने दुनिया पर नजूल फरमाता है और कबीला बनी कल्ब की बकरियों के बाल की तादाद से भी ज्यादा लोगों की मगफिरत फरमाते हैं
और दूसरी रिवायत में है कि इस रात तमाम मखलूक की मगफिरत कर दी जाती है लेकिन साथ लोगों की मगफिरत नहीं होती है
मुशरिक मां बाप का नाम फरमान किना प्रवर शराबी कातिल चुगलखोर सलवार को टखनों से नीचे लटकाने इन सात आदमियों की मगफिरत नहीं होती जब तक की यह अपने गुना से तौबा ना कर ले
शबे बरात की रात में क्या करना चाहिए
शबे बरात की रात में ज्यादा से ज्यादा इबादत करें नफिल नमाज पढ़ें अगर आपकी जिंदगी की जो भी नमाज़ काजा हो चुकी है उनको पढ़ें कुरान पढ़ें तस्बीह पढ़ें
और फुजूल बातों में रात ना गुजारें अकेले में इबादत करें मजलिस बनाकर इबादत ना करें जो फर्ज नमाज है ईशा और फजर की इनको जरूर अदा करें
shab e barat ki naafil Namaz
शबे बरात में आप चाहे तो इन नफिल नमाजों को पढ़ सकते हैं सबसे पहले आप सलातुल तस्बीह पढ़ें फिर आधी रात के बद तहज्जुद की नमाज़ पढ़ें और उसके बाद दो-दो रकात करके नफिल नमाज पढ़ते रहें
शबे बरात में कब्रिस्तान जाना
आप ﷺ ने 15 शाबान की रात में कब्रिस्तान गए थे और जिंदगी में एक ही बार गए थे अगर आप इस नियत से एक बार कब्रिस्तान जाएं तो यह सुन्नत है
लेकिन हर 15 शाबान की रात को जाना कब्रिस्तान और जाकर अगरबत्ती और मोमबत्ती जलाना यह सुन्नत तरीका नहीं है हम मुसलमान को चहिए के हम सुन्नत पर चलें और गलत चीजों से बचें
15 शाबान को रोजा रखना
आप ﷺ हर महीने के 13 -14 और 15 को रोजा रखा करते थे अगर आप इस नियत से 15 शाबान को रोजा रखेंगे तो आपको बहुत सवाब मिलेगा
Shab e barat ka matlab kya hai
शब का मतलब होता है रात और बरात का मतलब होता है छुटकारा शबे बरात यानी छुटकारे की रात क्योंकि इस रात में अल्लाह जहन्नम की आग से बहुत से गुनहगारों छुटकारा देते है इसलिए इसको शबे बरात कहते हैं
शबे बरात में किन बातों से बचना चाहिए
- शबे बरात मुसलमान के लिए ईद नहीं है शबे बरात के ईद होने का सुबूत न कुरान में है और ना हदीस में है इस लिए शबे बरात ईद नहीं है
- दिवाली की तरह शबे बरात में अपने घरों को मोमबत्ती से रोशन करना यह भी गलत रस्म है
- पटाखे फोड़ना शबे बरात में यह भी गलत रसम है
- हलवा पूरी के बनाने को शबे बरात में जरूरी समझाना यह भी गलत रसम है इन सब चीजों से बचना चाहिए
FAQ
क्या हम 15 शाबान के दिन उपवास कर सकते हैं ?
जी हां हम 15 शाबान के दिन रोजा यानी उपवास कर सकते हैं
क्या कुरान में शबे बरात है ?
कुरान में लैलातुल कद्र बारे में है लेकिन शबे बरात के बारे में नही है शबे बरात हदीस से साबित है
शबे बरात में क्या पढ़ना है ?
शबे बरात में आप नमाज कुरान की तिलावत और तस्बीह पढ़ें
आखिरी बात
आज हमने इस पोस्ट में शबे बरात के बारे में जाना कि इस रात में क्या-क्या करना चहिए और क्या नहीं करना चाहिए सारी बातों को हमने जाना
जानने के साथ-साथ हम इन बातों पर अमल भी करें अगर अमल करेंगे तो इंशाल्लाह हमें बहत सवाब मिलेगा और गलत कामों से भी परहेज करें और दूसरों को भी गलत कामों से रोकें
नमाज के बारे में जानने के लिए इन पोस्ट को भी पढ़ें
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