अस्सलामु अलैकुम मेरे भाई बहनों आज हम इस पोस्ट में shab e meraj 2025 के बारे में जानेंगे और शबे मेराज क्या है और कब है पूरी स्टोरी को जानेंगे
शबे मेराज कब है Shab e meraj kab Hai 2025
शबे मेराज 2025 में 27 जनवरी की रात में है शबे मेराज इस्लामी महीना 27 रजब को होता हैं और 27 रजब 2025 मैं 27 जनवरी को पड़ता है इसलिए 2025 में 27 जनवरी को शबे मेराज है
Shab e meraj kya hai
शब का मतलब होता है रात और मेराज (معراج) एक अरबी लफ्ज़ है जो ऊरूज (عروج) से निकला है जिसका अर्थ है चढ़ना
27 रज्जब की रात में आप ﷺ को आसमान पर चढ़ाया गया यानी ऊपर का सफर कराया गया इसलिए इसको मेराज कहा जाता है शबे मेराज यानी मेराज की रात

मेराज इंसानी तारीख का सबसे बड़ा सफर है
मेराज का सफर इंसानी तारीख का सबसे लंबा और सबसे बड़ा सफर है जिनको हमारे नबी ﷺ किया यह सफर मक्का से लेकर सातों आसमान को पार करके अल्लाह के पास तक का था
इतना लंबा सफर इंसानों में आप ﷺ के अलावा ना कोई किया था और न कोई कयामत तक कर सकेगा अल्लाह ने अपनी कुदरत से इतना लंबा सफर सिर्फ रात के एक हिस्सा में करवा दिया और हकीकत में अल्लाह ही है जो हर चीज पर कादिर है जो चाहता है कर सकता है
शबे मेराज का वाकिया shab e Meraj history
हमारे नबी करीम ﷺ उम्मे हानि राजी याल्लाहू अनहा के घर रात को आराम फरमा रहे थे अचानक छत फटी और हजरत जिब्राइल अलैहिस्सलाम और उनके साथ कुछ फरिश्ते आए
और आप ﷺ को मस्जिद ए हराम ले गए वहां आप ﷺ का सीना चाक कर के दिल निकाल कर जम जम के पानी से धोए उसके बाद ठीक हो गए उस के बाद एक जन्नती सफेद जानवर लाया गया
जिसका नाम बुर्राक था उस पर सवार होकर आप ﷺ मस्जिद ए अक्सा आए वहां पर तमाम नबी मौजूद थे आप ﷺ उन तमाम नबियों की इमामत की यानी दो रकात का नमाज पढ़ाई
उसके बाद फरिश्तों के साथ आसमान की तरफ रवाना हुए पहले आसमान पर हजरत आदम अलैहिस्सलाम से मुलाकात हुई दूसरे आसमान पर हजरत ईसा और हजरत याहया अलैहिस्सलाम से मुलाकात हुई
तीसरी आसमान पर हजरत युसूफ अलैहिस्सलाम से और चौथे आसमान पर हजरत इदरीस अलैहिस्सलाम से मुलाकात हई
पांचवें में पर हजरत हारून अलैहिस्सलाम से और छठे पर हजरत मूसा अलैहिस्सलाम से मुलाकात हुई और सातवें पर हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम से मुलाकात हुई
उसके बाद आप ﷺ को सिद्रतुल मुन्तहा की तरफ ले जया गया यहां पर हजरत जिब्राइल अलैहिस्सलाम को उनकी असली शक्ल में देखा
फिर यहां से आप ﷺ मकाम ए सारीहुल आकलाम पहुंचे फिर इस मकाम से अल्लाह के बारगाह में पहुंचे फिर आप ﷺ ने सजदा किए
आप ﷺ की अल्लाह से आमना सामना बात चित हुई और इसी मौके पर नमाज़ फज्र की गई फिर आप ﷺ वापसी पर बैतूल मकदिस उतरे और वहां से बुर्राक पर सवार होकर सुबह होने से पहले मक्का पहुंचे
shab e meraj kab hua
शबे मेराज कब हुआ इसमें बहुत सारे कोल है उनमें से एक कोल 27 रजब का है जब आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम 51 साल 5 महीने के थे तब यह वाकिया मक्का में हुआ था
मेराज में नमाज कितने वक्त की मिली थी
मेराज में नमाज आप ﷺ को 50 वक्त की दी गई थी मूसा अलैहिस्सलाम के कहने पर 9 मर्तबा आप ﷺ अल्लाह के पास वापस गए और हर बार पांच पांच वक्त की नमाज कम कराए
लास्ट मैं पांच वक्त की नमाज बच गई तो फिर दोबारा ﷺ नहीं गए अल्लाह ने नमाज में तो कमी करदी लेकिन सवाब में कमी नहीं किया
अल्लाह की मेहर बानी है जो बंदा पांच वक्त की नमाज अदा करेगा अल्लाह उसे 50 वक्त की नमाज अदा करने का सवाब देगा
Shab e Meraj ki namaj Ka Tarika
शबे मेराज के लिए ना कोई खास रोजा है और ना कोई खास नमाज जिस तरह दूसरे दिन रोजा नमाज पढ़ते थे रखते हैं
बिल्कुल इसी तरह आप शबे मेराज मैं भी नमाज पढ़ें तिलावत करें और दिन को रोजा रखें अगर आप यह सारी चीज करेंगे तो आपको सवाब मिलेगा वरना आपको गुनाह भी नहीं होगा
shab e Meraj 2025 date in India
इंडिया मैं शबे मेराज 27 जनवरी पीर की रात मैं है क्योंकि इसी रात इस्लामी महीना रजब की 27 तारीख है इसलिए शबे मेरा 27 जनवरी की रात में है
shab e Meraj me kya karna chahiye
शबे मेराज में आप से जितना हो सके नेक काम करें नमाज पढ़ें कुरान की तिलावत करें और गुनाह से बचें
conclusion (आखरी बात)
आज हमने इस पोस्ट में शबे मेराज कब है और शबे मेराज में क्या-क्या करना चाहिए और शबे मेराज का वाकया क्या है हमने पढ़ा
अगर आप शबे मेराज की स्टोरी को जान चुके हैं तो आप सवाब की नीयत से दूसरों तक भी यह पोस्ट जरूर शेयर कर दें और दुआ में हमें भी याद रखें
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