इस पोस्ट में जानेंगे जुम्मे की नमाज़ में कितने रकात होती है (jumma ki namaz mein kitne rakat hoti hai ) और जानेंगे जुम्मे की नमाज़ कब पढ़ी जाती है और किन लोगों को पढ़ना फर्ज है
जुम्मा किसे कहते हैं
जुमा जमाआ से माखज है जिसका अर्थ होता है जमा होना और मुसलमान इस दिन एक बड़ी मस्जिद में जमा होते हैं जमा होकर नमाज पढ़ते हैं इसलिए इस दिन को जुमा कहा जाता है और इस दिन को जुम्मा कहने की और बहुत सारी वजूहात है जो दूसरी जगह जान सकेगें
जुम्मा की नमाज ( jumma ki namaz) का वक्त क्या है
जुम्मा की नमाज हफ्ते में एक दिन एक वक्त पढ़ी जाती है जुम्मा की नमाज की अदायगी का वक्त वही है जो जौहर की नमाज का वक्त है
जोहर की नमाज का वक्त सूरज के जवाल होने के बाद से लेकर हर चीज का साया साया असली के अलावा दो मिसल हो जाए उस वक्त तक जौहर का वक्त रहता है और यही वक्त जुम्मा का भी है
जुम्मा की नमाज की फजीलत
जुम्मा की नमाज (jumma ki namaz) ऐसी नमाज है जिसमें मुसलमान अपने शहर की बड़ी मस्जिद में इस दिन जमा होते हैं और इस दिन ऐसे लोग भी जुमा की नमाज पढ़ ने आते हैं जो पांच वक्त की नमाज नहीं पढ़ते हैं
लेकिन जुम्मा के दिन जुम्मा की नमाज (jumma ki namaz) के लिए वह जरूर आते हैं और कुरान में भी जुम्मे की नमाज पढ़ने की बड़ी ताकीद की गई है
यहां तक के कुरान मजीद में कहा गया है कि अप अजान सुनते ही कारोबार छोड़कर नमाज के लिए आओ और कुरान मजीद की इस आयत से हमें मालूम हो जाएगा
कुरान मजीद में अल्लाह ने फरमाया
ये ईमान वालों जब अजान दी जाए नमाज के लिए जुमा के दिन तो दौड़ो अल्लाह के जिक्र की तरफ और छोड़ दो खरीद व फरोख्त यह है बेहतर अगर तुम समझते हो
(पारा 28 सूरह जुमा आयत 8)
हदीस शरीफ जुमा के बारे में
और हदीस शरीफ में भी जुमा की नमाज के बारे में बड़ी फजीलत है हजरत सलमान फारसी रजी यल्लाहू अनहु से रिवायत है नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया जो आदमी जुम्मे के रोज गुसल करें
और अपने हैसियत के मुताबिक ताहा रत करें तेल लगाएं और खुशबू लगाएं फिर अपने घर से जुम्मे की नमाज के लिए निकले और दो आदमियों के दरमियान ना घुसे (किसी के कंधे फांद कर ना जाए )
फिर नमाज पढ़ें जो उसके लए लिख दी गई है फिर जब इमाम खुत्बा दे खामोश रहे तो उसके उस जुमा से लेकर दूसरे जुम्मे तक गुनाह माफ कर दिया जाता है
( इस हदीस को इमामे बुखारी इब्ने माजा रिवायत ने किया है) इस हदीस से हमें पता चलता है जुमा दिन की कितनी फजीलत है
Jumma ki namaj mein kitne rakat hoti hai -जुम्मा की नमाज में कुल कितने रकात है
जुम्मा की नमाज हफ्ते में एक दिन पढ़ी जाने वाली नमाज है इस नमाज के बारे में हर मुसलमान बच्चा मर्द औरत सभी जानते हैं लेकिन जुम्मे की नमाज में कुल कितने रकात है
बहुत सारे मुसलमान जानते हैं और बहुत सारे ऐसे भी हैं जिनको मालूम नहीं जुम्मा में कुल कितनी रकात है तो आए हम जान लेते हैं जुम्मा की नमाज में कुल 14 रकात है

जुम्मा की नमाज़ में कौन सी नमाज पहले पढ़ी जाती है
जुम्मा की नमाज में कुल 14 रकात है सबसे पहले चार रकात सुन्नत ए मुआक्कदा है उसके बाद दो रकात फर्ज है जो इमाम के साथ पढ़ी जाती है उसके बाद फिर 4 रकात सुन्नत ए मुआक्कदा है (तरफ़ाइन के नजदीक)
और इमामे अबू यूसुफ के नजदीक 6 रकात सुन्नत है और उसके बाद दो रकात नफिल है तो कुल मिलाकर 14 रकात हो गए
पहले 4 रकात सुन्नत ए मुआक्कदा 2 रकात फर्ज फिर 4 का सुन्नत ए मुआक्कदा है और 2 रकात सुन्नत फिर 2 रकात नफिल है (इन सब बातों को फतवा दारुल उलूम से लिया गया है)
सुन्नत | 4 | 4 | |||
फर्ज | 2 | ||||
सुन्नत गैर मुआक्कदा | 2 | ||||
नफ़ील | 2 |
क्या औरतें जुम्मा की नमाज पढ़ सकती हैं
जुम्मा की नमाज मुसलमान आकिल बालिग तंदुरुस्त मर्द पर फर्ज है और औरतों पर जुमा की नमाज फर्ज नहीं है लिहाजा औरतें अपने घर में जोहर की नमाज अदा करें
हां जहां ऐसी मस्जिद हो जिसमें पर्दे का बहुत एहतमाम हो उसमें जमात के साथ नमाज अदा करना चाहे तो अदा सकती है लेकिन बेहतर है औरतों का अपने घर में जोहर की नमाज अदा करें
जुम्मा के फायदे
- जुम्मा की नमाज पढ़ने से पिछले सारे गुनाह माफ कर दिए जाते हैं
- जुम्मा के दिन एक ऐसी घड़ी होती है जो भी शख्स उस घड़ी में जो भी दुआ मांगे कुबूल होती है
- जुम्मा के दिन इंतकाल करने वाले शख्स से कब्र की अजाब हटा लिया जाता है
- जुम्मा के दिन दरूद शरीफ पढ़ने वाले की दरूद को आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पास पेश किया जाता है
- जुम्मा के दिन जो शख्स सुरह अल-कहफ पढ़ेगा उसके लिए अगले जुम्मे तक एक नूर होगा
- जुम्मा के दिन सूरह कहफ पढ़ने से गुनाह माफ होते हैं
- जो शख्स जुम्मा के दिन सूरह कहफ पढ़े कयामत के दिन उसका चेहरा नूर से जगमगाएगा
FAQ
जुमा में कितनी रकात है ?
जुम्मा की नमाज में 14 रकात है
जुमा की नमाज में कितने रकात फर्ज है?
जुम्मा की नमाज में दो रकात फर्ज है जो इमाम के साथ जमात से पढ़ी जाती है
जुमा में कितने रकात सुन्नत है ?
जुम्मा में 10 सुन्नत है फर्ज से पहले चार रकात सुन्नत फर्जी के बाद 4 रकात सुन्नत फिर दो रकात सुन्नत
आखरी बात
जुम्मा की रकात को जानने के बाद हम लोगों को चाहिए कि हम जुम्मा के दिन मुकम्मल तैयारी करें और उसकी बरकत को हासिल करें और जुम्मा के दिन ज्यादा से ज्यादा वक्त को इबादत में लगाएं
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