अस्सलामु अलैकुम मेरी मां बहनों आज हम इस पोस्ट में Aurat k liye itikaf ka tarika सीखेंगे स्टेप बाय स्टेप पूरी जानकारी के लिए आप पूरा मजमून जरूर पढ़ें
Aurat k liye itikaf ka tarika
एतिकाफ की दो किस्में है एक नफली एतिकाफ दूसरा सुन्नत एतिकाफ नाफली एतिकाफ आप कभी भी किसी वक्त कितना भी देर के लिए कर सकते हैं लेकिन सुन्नत एतिकाफ सिर्फ रमजान में होता है 10 दिनों के लिए”
मर्द हजरात के लिए सुन्नत एतिकाफ मस्जिद में होता है और औरतें अपने घर ही में एतिकाफ करेगी
हमारे नबी ﷺ मस्जिद में एतिकाफ किया करते थे अगर आप एक औरत हैं और आप एतिकाफ में बैठना चाहती हैं तो आप घर के कसी एक हिस्से को फिक्स कर ले और वहां पर मोतकीफ हो जाएं “
और जितने दिन लिए एतिकाफ करना चाहती हैं उतने दिन वहीं पर रहें पैखाना पेशाब या गुस्ल ए वाजिब के अलावा बाहर न निकले और अल्लाह के जिक्र में दिन रात लगी रहें
अगर आप सुन्नत एतिकाफ करना चाहती हैं तो 20 रमजान को सूरज डूबने से पहले एतिकाफ की नीयत से घर के किसी खास जगह में बैठ जाए और शव्वाल की चंद निकलने के बाद आप उस जगह से निकले यह है सुन्नत एतिकाफ है “
एतिकाफ के बीच में आप किसी से बगैर जरूर के बातचीत नहीं कर सकती हां पेशाब पैखाना के लिए बाहर जा सकती हैं लेकिन उससे ज्यादा वक्त बाहर लगाने से एतिकाफ खत्म हो जाएगा “
एतिकाफ की फजीलत
हमारे नबी ﷺ मक्का से हिजरत करने के बाद से मदीना में आप ﷺ ने कभी भी एतिकाफ को नहीं छोड़ा सिर्फ एक बार फतह मक्का के वक्त छोड़ा वरना आप ﷺ ने एतिकाफ हर रमजान के आखरी अशरे में क्या है
हजरत अब्दुल्ला बिन उमर रज़ी याल्लाहु अन्हू फरमाते हैं आप ﷺ रमजान नूल मुबारक के आखरी अशरे में एतिकाफ फरमाते थे ,”
हजरत आयशा रजी याल्लाहु अनहा फरमाती है आप (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) रमजान के आखरी अशरे में एतिकाफ फरमाते थे यहां तक कि आप इस दुनिया से रुखसत हो गए”
एक बार आप ﷺ ने पूरे रमजान का एतिकाफ क्या और सन 8 हिजरी में फतह मक्का की वजह से अपने एतिकाफ नहीं किया था लेकिन वफात से एक साल पहले रमजान में आप ﷺ ने 20 दिनों का एतिकाफ किए थे
किन चीजों से एतिकाफ टूट जाता है
- बगैर किसी जरूरत के एतिकाफ के घर से बाहर निकलने से एतिकाफ टूट जाता है
- 2. रमजान के महीने में एतिकाफ की हालत में रोज ना रखने से या रोजा तोड़ देने से एतिकाफ खत्म हो जाता है
- 3.एतिकाफ की हालत में संभोग (मुबाशिरत) करने से एतिकाफ खत्म हो जाता है
- 4. एतिकाफ की जगह से या मस्जिद से किसी जरूरत की वजह से बाहर निकलने के बाद जरूरत से ज्यादा ठहर ने से एतिकाफ फासिद हो जाता है
एतिकाफ की नियत
रोजे की नियत नमाज़ की नियत मैं जिस तरह सिर्फ दिल में इरादा कर लेने से नियत हो जाती है बिल्कुल इसी तरह एतिकाफ की नियत दिल में इरादा कर लेने से नियत हो जाएगी अगर आप जुबान से नियत करना चाहते हैं तो इस तरह करें “

- نَوَيْتُ سُنَّةَ الْاِعْتِكَاف
- मैं सुन्नत एतिकाफ की नियत करता हूं
औरत का पूरे घर को एतिकाफ की जगह बनाना
अगर औरत अपने घर में एतिकाफ के लिए बैठे अगर घर बड़ा हो तो किसी एक जगह को खास करके बैठे जहां पर वह अल्लाह की इबादत अच्छी तरह से कर सके
अगर घर छोटा हो तो पूरे घर की नियत कर सकती हैं हां अगर बड़ा हो तो सिर्फ उस जगह की नियत करें जहां वह सही से नमाज वगैरा अदा कर सकें
एतिकाफ में बैठने का वक्त क्या है
सुन्नत एतिकाफ का वक्त 20 रमजान को सूरज डूबने से पहले से लेकर कर 10 दिनों तक बैठना है यानी शव्वाल का चांद निकल ने तक और नाफली एतिकाफ का वक्त कोई फिक्स नहीं है
FAQ
मर्द को कहां एतिकाफ करना चाहिए?
मर्द के लिए मस्जिद में एतिकाफ करना सुन्नत है
औरत कहां एतिकाफ करें?
औरत अपने घर में किसी एक जगह एतिकाफ करें
आखरी बात
आज हमने इस पोस्ट में Aurat k liye itikaf ka tarika सीखा है अगर आप भी एतिकाफ करना चाहते हैं तो आप जरूर इन बातों पर अमल करें और इस पोस्ट को एक बार सवाब की नियत जरूर शेयर कर दें
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