हम मुसलमान ईद मिलादुन्नबी कैसे मनाएं (Eid milad un Nabi kaise manaye) ईद मिलादुन्नबी क्या है और कब मनाया जाता है एक एक पॉइंट को इस पोस्ट में जानेंगे और समझेंगे
Eid milad un Nabi kaise manaye
हजरत मोहम्मद ﷺ एक मुसलमान के लिए जान से भी ज्यादा प्यारा है और एक सच्चे मुसलमान उस वक्त तक मुसलमान नहीं हो सकता जब तक के हजरत मोहम्मद ﷺ पर मुकम्मल ईमान ना लाए
12 रबी उल अव्वल को हमारे नबी ﷺ की पैदाइश है जिसकी बुनियाद पर मुसलमान के कुछ तब का इस दिन को ईद मानते हैं और इस दिन को खुशियों में गुजारते हैं और हकीकत में आप ﷺ की पैदाइश हर मुसलमान के लिए खुशी का दिन है इससे बढ़कर कोई और खुशी नहीं हो सकती है
लेकिन इसको मनाने का तरीका वह तरीका होना चाहिए जो कुरान और हदीस से हो जिस तरीके को सहाबी ने इख्तियार किया हो जिस तरीके को ताबीन ने इख्तियार किया हो उसके अलावा जो भी तरीका होगा उसे सुन्नत तरीका नहीं कह सकते हैं इसलिए हम मुसलमान को इन बातों का जरूर ख्याल रखना चाहिए
Eid milad un nabi kab manaya jata hai
ईद मिलादुन्नबी इस्लामी तीसरा महीना के 12 तारीख को मनाया जाता है जिसको 12 रबी उल अव्वल कहते हैं कुछ हदीस के मुताबिक आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम इसी तारीख को दुनिया में तशरीफ़ लाए थे इसलिए कुछ लोग इस तारीख को आप ﷺ की यौमे पैदाइश मानते हैं
ईद मिलादुन्नबी में जायज काम क्या है
आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की पैदाइश के मौके पर हमें किन बातों का ख्याल रखना चाहिए हमारे नबी ﷺ ने अपनी पैदाइश के दिन में रोजा रखा करते थे इसलिए हम लोगों को चाहिए कि आप विलादत के तारीख में रोजा रखें यह सबसे ज्यादा नेकी का काम होगा
हदीस में है हजरत अबू कता दा राजी याल्लाहू अन्हू से रिवायत है आप ﷺ से सोमवार के रोजा के बारे में पूछा गया तो आप ﷺ ने फरमाया कि इस दिन मेरी पैदाइश हुई और इसी दिन मुझ पर वही नाजिल हुई (मुस्लिम शरीफ: 1162)
मिलाद सबसे पहले किसने मनाया
ईद मिलादुन्नबी की शुरुआत किसी सहाबी ने नहीं किया किसी ताबीन ने नहीं कया बल्कि ईद मिलादुन्नबी की शरुआत शिया फातमी हुकूमत ने किया जो मिस्र में थी यह आप अलैहिस्सलाम के 400 साल बाद हुआ और इसको मुसलमान ने 600 साल बाद अपनाया
Eid milad un nabi 2025
इंडिया में ईद मिलादुन्नबी जुम्मा के दिन 5 सितंबर को मनाया जाएगा जो उर्दू तारीख 12 रवि उल अव्वल को पड़ता है
ईद मिलादुन्नबी का असली तारीख क्या है
ईद मिलादुन्नबी की असली तारीख हदीस को सामने रखते हुए यह कहा जा सकता है की 12 रवि उल अव्वल के मुकाबले में 8 रबी उल अव्वल ज्यादा मजबूत है और बहुत से तारीख को जानने वालों ने इस बात पर मुत्तफिक हैं कि आपकी पैदाइश 8 रबी उल अव्वल को हुई
ईद मिलादुन्नबी के दिन क्या नहीं करना चाहिए

- 1 फिजूल खर्ची से बचे
- 2 डीजे वगैरा लाकर उस पर बेहूदा चीज चला कर शोर न करें
- 3 नाच गाने से परहेज करें क्योंकि कुछ लोग ईद मिलादुन्नबी के नाम पर नाच गाने करते हैं
- 4 चिराग में मोमबत्ती में पैसे को बर्बाद ना करें कुछ मुसलमान दिवाली की तरह अपने घरों को ईद मिलादुन्नबी के नाम पर सजाते हैं जो फिजूल खर्ची है
- 5 जो लोग जशन नहीं मानते हैं उनको चिढ़ाने के लिए ऐसी हरकत करना आपको कुछ फायदा नहीं देगा
12 रवि उल अव्वल के दिन क्या करना चाहिए
- 1 12 रवि अव्वल के दिन रोजा रखना चाहिए क्योंकि आप ﷺ अपने पैदाइश के दिन यानि सोमवार के दिन रोजा रखा करते थे
- 2 बहुत ज्यादा दरूद शरीफ पढ़ने का एहतेमाम करें
- 3 दूसरों को तकलीफ देने से बचे
आखरी बात
सारी बातों का खुलासा यह है जो चीज कुरान और हदीस हमें हुकुम देता है उन बातों पर हम अमल करें और जिन बातों का हुकुम नहीं देता है उन बातों से हमें बचना चाहिए इसी में हमें कामयाबी और अल्लाह की तरफ से बख्शीश है
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