आज हम जानेंगे fajar ki namaz ki rakat कितनी है कितनी पढ़ी जाती है कौन सी नमाज पहले पढ़ी जाती है और कौन सी नमाज बाद में पढ़ी जाती है फजर की नमाज की फजीलत को भी जानेंगे और फजर की नमाज का वक्त भी जानेंगे
फजर की नमाज पढ़ने की फजीलत
मुस्लिम शरीफ की रिवायत की रिवायत है के रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया जो आदमी फजर की नमाज पढ़ लेता है तो वह अल्लाह के जिम्मे में आ जाता है यानी
जो शख्स नमाजे फर्ज का फ़रीज़ा अदा कर लेता है वह अल्लाह की हिफाजत में आ जाता है और उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता
और दूसरी हदीस में है हजरत अबू हुरैरा रजी याल्लाहू अन्ह से रिवायत है रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहिवल्लम ने इरशाद फरमाया रात और दिन में फरिश्तों की जिम्मा दारियां बदलती रहती है
और फजर और असर की नमाज में उन ( ड्यूटी पर आने और जाने वालों )फरिश्तों का इज्तिमा होता है फिर तुम्हारे रात वाले फरिश्ते ऊपर चढ़ते हैं तो अल्लाह उनसे पूछता है कि मेरे बंदों को तुमने किस हाल में छोड़ा
( हालांकि अल्लाह को पहले ही हर चीज का इल्म होता है लेकिन अल्लाह फरिश्तों से सुनना चाहते हैं) वह कहते हैं कि हमने जब उन्हें छोड़ा तो वह नमाज (फजर कि नामज) पढ़ रहे थे
और जब उनके पास गए तब भी वह (असर की नमाज) नमाज पढ़ रहे थे (इस हदीस को इमामे मुस्लिम इमामे बुखारी इमामे मलिक ने रिवायत की है)
फजर की नमाज में कितनी रकात है fajar ki namaz ki rakat
फजर की नमाज और नमाजों के मुकाबले में मैं सबसे कम रकात वाली नमाजहै लेकिन फजीलत के लिहाज से बहुत ज्यादा नेकियां वाली नमाज है फजर की नमाज में सिर्फ चार रकात है जो दो-दो रकात करके पढ़ी जाती है
फजर की नमाज में कितने रकात सुन्नत है और कितने रकात फर्ज है
फजर की नमाज में कुल चार रकात है दो रकात सुन्नत- ए- मुआक्कदा है और 2 रकात फर्ज है 2 रकात का सुन्नत है पहले पढ़ी जाती है और उसके बाद दो रकात फर्ज पढ़ी जाती है
- फजर की नमाज कुल 4 रकात है
- 2 रकात सुन्नत
- 2 रकात फर्ज

फजर की सुन्नत और फर्ज नमाज कैसे पढ़ें अकेले या जमात के साथ
फजर की दो रकात सुन्नत मर्द हो या औरत अकेले पढ़ें और फजर की दो रकात फर्ज मर्द हजरात मस्जिद में जाकर जमात के साथ नमाज अदा करें
और बिना मजबूरी के अकेले ना पड़े बल्की मस्जिद जाकर जमात के साथ पढ़े और औरतें अपने घरों में ही तन्हा फजर की दो रकात फर्ज अदा करें
फजर की नमाज कौन से समय में पढ़ना चाहिए
फजर की नमाज का वक्त सुबह सादिक से लेकर सूरज निकलने तक रहता है सुबह सादिक वह वक्त कहलाता है सूरज जहां से निकलता है उसके ठीक ऊपर आसमान के कनारे शिमाल और जुनुब में एक रोशनी दिखाई देती है
और वह रोशनी पूरे आसमान में फैल जाती है इस वक्त को सुबह सादिक कहा जाता है तो फजर का वक्त सुबह सादिक से लेकर सूरज के निकलने तक फजर की नमाज का वक्त रहता है और यह तकरीबन डेढ़ घंटा होता है
फजर की दो रकात सुन्नत पढ़ने की फजीलत
नबी करीम सल्लल्लाहूअलेही वसल्लम फजर की दो रकात सुन्नत पढ़ने की बहुत ज्यादा ताकीद फरमाई है और आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया
फजर की दो रकात सुन्नत दुनिया और दुनियां में जितनी सारी चीज हैं उसे बेहतर है जो इंसान फजर की दो रकात सुन्नत पड़ेगा उसे इतना बड़ा सवाब मिलेगा
आखरी बात
हमने इस पोस्ट में जाना कि फजर में कितनी रकात हैं और हमने यह भी जाना है कि फजर की नमाज पढ़ने की कितनी फजीलत है और फजर का वक्त कब से कब तक रहता है
अगर आपने इस पैगाम को पूरा पड़ा है तो जरूर आपके सारे डाउट हो गया होगा तो आप इस पैगाम को अपने दूसरे भाई बहनों को सिखाएं और इस पैगाम को ज्यादा से ज्यादा शेर करें
अगर आप दूसरे नमाजों की रकात सीखना चाहते हैं तो आप यह पोस्ट पढ़ें