आज हम यहां सलातुल हाजत की नमाज कैसे पढ़े( salatul hajat ki namaz kaise padhe)और पढ़ने का सही तरीका क्या होना चाहिए एक-एक चीज को जानेंगे
सलातुल हाजत किसे कहते हैं
सलातुल हाजत यह एक अरबी सेंटेंस है जिसका माना होता है जरूरत की नमाज सलात अरबी में नमाज को कहते हैं और हाजत के माना जरूरत के आते है यानी जरूरत की नमाज
सलातुल हाजत की फजीलत
हजरत अब्दुल्ला बिन अबि आउफा रजी यल्लाहू अनहु से रिवायत है कि आप सल्लल्लाहुअलेही वसल्लम ने इरशाद फरमाया के जिसे अल्लाह की कोई हाजत हो या किसी बंदे से कोई हाजत हो
तो वजू करें फिर दो रकात बढ़कर अल्लाह की तारीफ करें और नबी करीम सल्लल्लाहूअलेही वसल्लम पर दरूद पढ़े और फिर अल्लाह से यूं दुआ मांगे )
इस हदीस में आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया जिस आदमी को अल्लाह से कोई हाजत हो या किसी बंदे से कोई हाजत हो तो नमाज पढ़े और अल्लाह से दुआ मांगे इंशाल्लाह उस आदमी हाजत जरूर पूरी होगी
सलातुल हजरत की कितनी रकात है
अपने हदीस में पढ़ लिया है सलातुल हाजत की दो रकात नमाज हैं लेकिन आप ज्यादा पढ़ना चाहें पढ़ सकते हैं क्योंकि नफिल नमाज जितनी चाहे आप पढ़ सकते हैं और सलातुल हाजत की नमाज नफिल नमाज है
सलातुल हाजत की नियत कैसे करें
जब नमाज पढ़ने का इरादा करें तो दिल का इरादा है आपकी नियत हो गई हां अगर आप जुबान से अदा करना चाहे तो इस तरह अदा कर सकते हैं
मैं सलातुल हाजत की दो रकात नफिल नमाज पढ़ता हूं अल्लाह ताला के वास्ते मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ यह नियत हो गई
सलातुल हाजत की नमाज कैसे पढ़ें salatul hajat ki namaz kaise padhe
- अल्लाह हू अकबर कहकर हाथों को मर्द हजरात नाफ के नीचे बांध ले
- उसके बाद सना पढ़ें
- उसके बाद आऊ जू बिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ें 3-5-7-9 बार
- फिर अल्हम्दु पढ़े
- उसके बाद कोई सुरह पढ़ें
- फिर अल्लाह हू अकबर कहकर रुकु करे
- कुरु मैं सुभाना रब्बी एल अजीम पढ़ें
- फिर सामी अल्लाहु लीमन हमीदा कहके खड़े हो जाय
- फिर खड़े होने की हालत में रब बना लाकल हमद पढ़ें
- फिर अल्लाह हू अकबर कहकर सजदा में जाए
- और सजदा में सुभाना रब्बी एल आला पढ़ें
- फिर अल्लाह हू अकबर कहकर बैठें
- फिर दूसरी बार सजदा करें
- फिर सजदा में सुभाना रब्बी एल आला पढ़ें 3 -5-7-9 बार
- और अब दूसरी रकात क लिए अल्लाह हू अकबर कहते हुए खड़े हो
अब दूसरी रकात इस तरह पढ़ें
- आऊ जू बिल्लाह पढ़ें
- बिस्मिल्लाह पढ़े
- अल्हम्दु पढ़े
- उसकेबाद कोई सुरा पढ़ें
- फिर अल्ला हू अकबर कहकर रुकु करे
- और रुकु में सुभाना रब्बी एल अजीम पढ़ें 3-5-7-9 बार
- फिर सामी अल्लाहु लीमन हमीदा कहके खड़े हो जाय
- फिर अल्लाह हू अकबर कहते हुए सजदामें जाएं
- सजदे की हालत में सुभाना रब्बी एल आला पढ़ें
- फिर अल्लाह हू अकबर का कर बैठ जए
- फिर सजदा करें और सजदा में सुभाना रब्बी एल आला पढ़ें 3-5-7-9 बार
- फिर अल्लाह हू अकबर कहकर बैठ जाएं
- अब बैठने की हालतम अत्ताहियातू और दरूद शरीफ और दुआएं मसूरा पढ़ें
- फिर सलाम फेरे अस्सलामू आलेकुम वा रहमतुल्लाह कह कर दाएं जाने मुंह मुड़े
- फिर अस्सलामू आलेकुम वा रहमतुल्लाह कहकर बाय जानिब मुड़े
सलातुल हाजत पढ़ने के बाद क्या करना चाहिए
सलातुल हाजत पढ़ने क बाद दुआ के लिए हाथ उठाएं और सबसे पहले अल्लाह ताला की तारीफ करें फिर उसकेबाद आप सल्लल्लाहुअलेही वसल्लम पर दरूद पड़े फिर इस दुआ को पढ़ें
- ला इलाहा अल्लाह हू अल हलीमूल करीम
- सुभानल्लाही रब्बिल आर्शील अजीम
- वल हम्दुलिल्लाही रब बिल आलामीन
- आस अलूका मुजीबाती रहमातिक
- वा आजा इमा मगफिरातिक
- वल गनी मता मिन कुल्ली बीर
- वस साला माता मिन कुल्ली इस्म
- ला तदा ली जांबन इल्ला गफरताह
- वाला हम्मन इल्ला फर्राज़ताह
- वाला हा जतन हीया लका रीजन
- इल्ला क़ज़ाय तहा या अरहमर राही मिन


सलातुल हाजत की नमाज कौनसे समय में पढ़ना है
सलातुल हाजत की नमाज पढ़ने की कोई खास वक्त मुकर्रर नही है जब चाहें जिस वक्त चाहे नमाज अदा कर कर सकते हैं लेकिन मकरूह वक्त में न पढ़ें
आखरी बात
हमने इस पोस्ट में पढ़ा सलातुल हाजत की नमाज कैसे पढ़ें (salatul hajat ki namaz kaise padhe) इसकी नियत कैसे करें सलातुल हाजत की फजीलत क्या है सलातुल हाजत कितने रकात है ये सारी जानकारी हमने इस पोस्ट में क्लियर किया है
अगर आपने इस पोस्ट को पूरा पड़ा है तो जरूर आपके सरे डाउट दूर हो गए होंगे जिन भाई बहनों को सलातुल हाजत की नमाज पढ़ना नहीं आता है तो आप उनको भी सिखाए
और इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा दूसरों तक शेयर करें और अपनी दुआओं मे हमें याद रखें कोई सवाल हो तो कमेंट करके जरूर पूछ ले
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