आज हम इस पैगाम में salatul tasbeeh Namaz Ka Tarika सीखेंगे और जानेंगे कि इसमें कितनी रकात है और इस नमाज के पढ़ने की फजीलत क्या है और बहुत कुछ जानेंगे
salatul tasbeeh Namaz ki niyat
नियत करता हूं मैं 4 रकात सलातुल तस्बीह की नफिल अल्लाह ताला के वास्ते रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ
salatul tasbeeh Namaz Ka Tarika (पहली रकात)
- अल्लाहु अकबर कहकर हाथों को नाफ के नीचे बांधे
- फिर सना पढ़ें.. फिर आऊजू बिल्लाह,बिस्मिल्लाह पढ़े
- फिर सूरह फातिहा.(अलहम्दु) पढ़ें
- फिर कुरान मैं से कोइ सूरह पढ़ें
- उसके बाद ये तस्बीह,15 बार पढ़ें, سُبْحَانَ اللّٰهِ وَالْحَمْدُ لِلّٰهِ وَلَا اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ وَاللّٰهُ اَكْبَرُ ( सुब्हा नल्लाही वल हम्दुलिल्लाही वाला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहू अकबर)
- अल्लाहु अकबर कहकर रुकु करें
- फिर रुकु की तस्बीह सुब्हाना रब्बियल अजीम 3 बार पढ़ें और उकसे बाद फिर 10 बार तस्बीह पढ़ें
- फिर सामी अल्लाहु लीमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएं और उसके बाद रब्बाना लकल हमद कहे और इस के बाद फिर 10 बार तस्बीह पढ़ें
- फिर अल्लाहु अकबर कहकर सजदा करें
- और सजदा की तस्बीह सुब्हाना रब्बियल आला कहे 3 बार और उकसे बाद फिर 10 बार तस्बीह पढ़ें
- फिर अल्लाहु अकबर कह कर सजदा से उठ कर बैठ जाए और 10 बार तस्बीह पढ़ें
- फिर अल्लाहु अकबर कहकर सजदा करें और सजदा की तस्बीह सुब्हाना रब्बियल आला 3 बार कह कर 10 बार तस्बीह पढ़ें
- फिर अल्लाहु अकबर कहकर बैठ जाएं और 10 बार तस्बीह पढ़ें फिर खड़ा हो जाए दूसरी रकात के लिए
- और इस तरह करके एक रकात में 75 बार तस्बीह पढ़ें

Salatul tasbeeh Namaz Ka Tarika (दूसरी रकात)
दूसरी रकात भी बिल्कुल इसी तरह पढ़ें जिस तरह पहली रकात पढ़े थे लेकिन इस रकात में आऊजू और बिल्लाह से पहले सना न पढ़ें
- सूरह फातिहा सूरह के बाद 15 बार तस्बीह पढ़ें
- रुकु में जाकर रुकु की तस्बीह के 10 बार पढ़ें
- रुकु से सीधा खड़े होकर 10 बार पढ़ें
- सजदा में जाकर सजदा की तस्बीह के बाद 10 बार पढ़ें
- फिर सजदा से उठकर बैठ 10 बार तस्बीह पढ़ें
- फिर दूसरी सजदा करें और सजदा के तस्बीह के बाद 10 बार तस्बीह पढ़ें
- फिर सजदा से उठकर बैठ जाएं फिर 10 बार तस्बीह पढ़ें और उसके बाद अत्ताहियातू पढ़ें
- और उसके बाद तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएं
नोट: तीसरी और चौथी रकात बिल्कुल इसी तरह पढ़ें और चौथी रकात में दूसरे सजदा के बाद पहले 10 बार तस्बीह पढ़ें
और उसके बाद अत्ताहियातू दरूद शरीफ और दुआ पढ़ कर सलाम फिरे यह 4 रकात नमाज मुकम्मल हो गई है
हर रकात में 75+75+ 75+ 75 बार तस्बीह पढ़ें और कुल मिलाकर 4 रकात में 300 बार तस्बीह पढ़ेंगे

salatul tasbih padhne ki fazilat
हज़रत इब्ने अब्बास रज़ी याल्लाहु अन्हू फरमाते हैं के नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लमने फरमाया यह मेरे चाचा अब्बास
क्या मैं आपको एक तोहफा एक इनाम एक एक भलाई यानी 10 खस लेते ना बताऊं अगर आप उन पर अमल करेंगे तो अल्लाह ताला आपके
अगले पिछले नए पुराने जानबूझकर भूले से छोटे बड़े खुल्लम खुल्ला या छुपा कर किए गए सब गुनाह माफ कर देंगे
(फिर आपने नमाज का तरीका बताए जो ऊपर आप ने पढ़ लिया है)
अप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अपने चाचा से कहा अगर आप से हो सके तो रोज सलातुल तस्बीह की नमाज एक मर्तबा पढ़ें अगर ऐसा नहीं कर सकते हैं तो जुम्मे के दिन पड़े
अगर यह भी नहीं कर सकते हैं तो हर महीने में एक बार पढ़ें अगर यह भी नहीं कर सकते हैं तो साल में एक बार पढ़ें और यह भी नहीं कर सकते हैं तो कम से कम जिंदगी में एक बार पढ़ ही लें
सलातुल तस्बीह पढ़ने के फायदे
सलातुल तस्बीह पढ़ने से इंसान के सारे गुनाह माफ हो जाते हैं छुपकर किए हों या जानबूझकर खुल्लम-खुल्ला या छुपा कर किए हों हर तरह के गुनाह माफ हो जाते हैं
सलातुल तस्बीह की नमाज में तस्बीह कैसे गिने
सलातुल तस्बीह की 4 रकात नमाज में 300 बार तस्बीह पढ़ा जाता है और हर रकात में 75 तस्बीह बार पढ़ा जाता है लेकिन जब आप इस तस्बीह को पढ़े तो कैसे ख्याल में रखें कि कितना बार हुआ है
जब आप तस्बीह को पढ़े तो मन ही मन में गिने अगर इस तरह नहीं याद नहीं रख सकते है तो आप उंगलियां दबा कर गिने जुबान से ना गिने
सलातुल तस्बीह की नमाज़ का वक्त क्या है
सलातुल तस्बीह की नमाज़ आप जब चाहे पढ़ सकते हैं इसका कोई खास वक्त मुकर्रर नहीं है
सलातुल तस्बीह की नमाज सुन्नत है या नफील
सलातुल तस्बीह की ना सुन्नत है ना वाजिब न फर्ज है बल्कि नफिल है
सलातुल तस्बीह की नमाज कितनी रकात है
सलातुल तस्बीह की नमाज चार रकात है और 4 ही रकात पढ़ी जाएगी
सलातुल तस्बीह नमाज़ की तस्बीह क्या है
सलातुल तस्बीह नमाज़ की तस्बीह यह है سُبْحَانَ اللّٰهِ وَالْحَمْدُ لِلّٰهِ وَلَا اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ وَاللّٰهُ اَكْبَرُ (सुब्हा नल्लाही वल हम्दुलिल्लाही वाला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहू अकबर )
FAQ
क्या हम सलातुल तस्बीह की नमाज कभी भी पढ़ सकते हैं?
जी हां सलातुल तस्बीह की नमाज हम कभी भी पढ़ सकते हैं इसके लिए कोई वक्त मुकर्रर नहीं है
सलातुल तस्बीह के बाद क्या करें?
सलातुल तस्बीह नमाज़ मुकम्मल पढ़ने के बाद हम दुआ मांगे जिस तरह और नमाज मुकम्मल होने के बाद दुआ मांगते हैं
आखरी और अहम बात
आज हमने इस पोस्ट में एक बहुत ही खास नमाज सलातुल तस्बीह की सीखी और इस नमाज के बारे में और बहुत कुछ जाना
और हमने ये भी जाना कि इस नमाज के पढ़ने से हमारे सारे गुनाह माफ हो जाते हैं इसलिए हम सीखने के बाद जरूर इस नमाज को पढ़ें
और साथ ही अपने घर वालों को भी नमाज का हुक्म दें अगर उनको पढ़ना नहीं आता है तो आप उनको सिखाएं और इस पोस्ट को उन तक जरूर शेयर कर दे ताकि इस पोस्ट के जरिए वह भी सिख लें
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