आज हम इस पोस्ट में (tahajjud ki namaz Ka Tarika step by step) तहज्जुद की नमाज का तरीका स्टेप बाय स्टेप सीखेंगे और जानेंगे कि तहज्जुद की नमाज का वक्त क्या है और तहज्जुद की नमाज में कितनी रकात होती है और बहुत सारी बातें जानेंगे
तहज्जुद की नमाज के फायदे (tahajjud ki namaz ke fayde)
फर्ज नमाज के बाद सबसे ज्यादा अफजल तहज्जुद की नमाज है अल्लाह से ज्यादा करीब करने वाली नमाज है क्योंकि जब सारी दुनिया सोई हुई होती है उस वक्त जब कोई बांदा अल्लाह के सामने खड़ा होकर नमाज पड़ता है
और रोता है गिड़गिड़ाता है तो अल्लाह को ये अदा बहुत पसंद आता है जाहिर-सी बात है जब कोई इंसान अपनी नींद को खत्म करके ऐसे वक्त में जब सारे इंसान सोते रहते हैं
और वह बांदा अल्लाह से मांगने के लिए अल्लाह को खुश करने के लिए अपनी महबूब नींद को खत्म करके अल्लाह के सामने रो रहा है तो अल्लाह क्यों नहीं खुश होंगे
ऐसे बन्दे के बारे में कुरान और हदीस में यूं कहा गया हैं
تَتَجَافَا جُنُوْبُهُمْ عَنِ الْمَضَاجِعِ يَدْعُوَْن رَبَّهُمْ خَوْفًا وَّطَمَعًا ومِمَّا رَزَقَْناهُمْ يُْنفِقُوْن
इस आयत का तर्जुमा है उनके पहलू (रात के वक्त) बिस्तरों से जुदा रहते हैं और वह अपने रब को डर और उम्मीद के साथ पुकार रहे होते हैं
और हमने जो उनको रिज्क दिया है वह उनमें से खर्च करते हैं चुनानचे किसी भी नफ़्स को कुछ पता नहीं है ऐसे लोगों के लिए आंखों के ठंडक का क्या सामान उनके अमल के बदले छुपा कर रखा है
और दूसरी जगह कुरान में इस तरह है
وَاَّلذِيْنَ يَبِيْتُوْنَ لَِربِّهِمْ سُجْدًا وَّقِيَامًا
और जो रातों को अपने रब के सामने सजदे और कायम में गुजरते हैं
और हदीसे पाक में भी तहज्जुद की नमाज की और बहुत ज्यादा फजीलत आई है हजरत अबू सईद खुदरी रज़ी याल्लाहु अन्ह से रिवायत है कि आप सल्लल्लाहुअलेही वसल्लम ने इरशाद फरमाया
अल्लाह ताला तीन किस्म के आदमियों से बहुत खुश होते है और उनमें से एक वह हैं जो रात को (तहज्जुद की नमाज पढ़ने के लिए) खड़ा हो
इस तरह की बहुत सारी फजीलत है तहज्जुद की नमाज वालों के लिए की लेकिन हम इस छोटे से पोस्ट में बात नहीं बयान कर सकते हैं वरना पोस्ट बहुत लंबा हो जाएगा

तहज्जुद की नमाज का टाइम (tahazzud ki namaz ka time
तहज्जुद की नमाज स्टेप बाय स्टेप सीखने से पहले हम जानेंगे कि तहज्जुद की नमाज का टाइम क्या है तहज्जुद की नमाज कौन से वक्त पढ़ना चाहिए तहज्जुद की नमाज एक नफिल नमाज है और नफिल नमाज किसी वक्त भी पढ़ सकते हैं
लेकिन तहज्जुद की नमाज में ऐसा नहीं है तहज्जुद की नमाज रात में पढ़ी जाती है तहज्जुद का वक्त ईशा की नमाज के बाद से शुरू होता है और सुबह सादिक से पहले तक रहता है यानी फजर की नमाज के वक्त दाखिल होने तक रहता है
और हज़रत आयशा रजी याल्लाहु अनहा फरमाती है कि आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम रात के शुरू हिस्से और बीच हिस्से और रात के आखिर हिस्से में तहज्जुद पढ़ना पढ़ना साबित है
लेकिन रात के आखिर हिस्से में रहमाते और बरकतें ज्यादा होती है इसलिए रात के आखिरी हिस्से में तहज्जुद की नमाज पढ़ना सबसे अफजल है
तहज्जुद की नमाज की नियत (tahajjud ki namaz ki niyat)
तहज्जुद की नमाज एक नफिल नमाज है और इस नमाज की नियत के लिए सिर्फ दिल में इरादा होना ही काफी है और नियत भी नाम है दिल के इरादे का सिर्फ दिल में इतना इरादा हो में तहज्जुद की पढ़ रहा हूं बस हो गई नियत
अगर आप जुबान से नियत करना चाहते हैं तो इस तरह करें मैं नियत करता करता दो रकात तहज्जुद की नमाज नफिल अल्लाह ताला के वास्ते मुंह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ यह हो गई नियत लेकिन हदीस और कुरान में इन अल्फाज के साथ नियत का कोई सबूत नहीं है
तहज्जुद की नमाज की रकात (tahajjud ki namaz ki rakat)
तहज्जुद की नमाज कम से कम दो रकात पढ़ें और ज्यादा 8 रकात पढ़ें यह हदीस से साबित है लेकिन अगर 4 रकात या 6 रकात पढ़ाना चाहे तो भी 2 -2 रकात करके पढ़ सकते हैं
तहज्जुद की नमाज का तरीका स्टेप बाय स्टेप (tahajjud ki namaz Ka Tarika step by step
- तकबीर ए तहरीमा
- सना
- आऊजू बिल्लाह और बिस्मिल्लाह
- सूरह फातिहा
- कोई भी सुरह
- अल्लाह हू अकबर
- रुकु
- तस्मी
- तहमीद
- अल्लाहू अकबर
- सजदा
- सजदा की तस्बीह
- अल्लाह हू अकबर
- फिर सजदा
- सजदा की तस्बीह
- अब एक रकात मुकम्मल हो गई दूसरी रकत भी इसी तरह पढ़ें लेकिन आऊजू बिल्लाही से शुरू करें सना ना पढ़ें
- दूसरी रकात में सजदा के बाद बैठ जाएं
- ताशहुद पढ़ें
- दरूद शरीफ पढ़ें
- दुआ ए मसूरा पढ़ें
- दोनों जानिब सलाम फिरे
1 तकबीर ए तहरीमा
अल्लाहु अकबर (الله اكبر)
2 सना पढ़ना है
َسُبْحَانَكَ اللّٰهُمْ وَبِحَمْدِكَ وَتَبَارَكَ اسْمُكَ وَتَعَالٰى جَدُّكَ َولا الٓهَ غَيْرُك
सुब्हानाका अल्लाहुम्मा वा बिहम दीका वाता बारा कस मुका वाता आला जद्दूका वाला इलाहा गैरूका
3 ताऊज तस्मिया ( اعوذ بالله بسم الله)
आऊजू बिल्लाही मिनाश शैतानीर राजिम (اعوذ بالله من الشيطان الرجيم)
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम (بسم الله الرحمن الرحيم)
4 सुरह फातिहा (سورة الفاتحه)
اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعَالَِميْنَ° الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ° مٰلِكِ يَوْمِ الدِّيْن° اِيَّاكَ نَعْبُدُ وَاِيَاكَ نَسْتَعِِيْنُ° اِهْدِنَا الصَّرَاطَ الْمُسْتَقِيْمَ° صِراطَ الَّذِيٍنَ اَنْعَمْتَ عَلَْيهِمْ غَيْرِ الْمَغْضُوْبِ َعلَيْهِمْ وَلَا الضَّٓالِّيْنَ
अलहम्दुलिल्लाही रब्बिल आलमीन आर रहना नीर रहीम मालिकी यो मिद्दिन इया का नाबुदु वा इया का नास्तायीन इह दिनस सिरा तल मुस्तकिम सिरा तल लाजिना अन आमता अलाई हिम ग़ैरिल मग जुबी आलाई हिम वालाज जाल लिन
5 कुरान की कोई भी सुरह पढ़ें
- سورة الكوثر
- بسم الله الرحمن الرحيم
- َاِنَّٓا اَعْطَيْنَاكَ لْكَْوثَر
- ْفَصَلِّ لَِربِّكَ وَانْحَر
- ْاِنَّ شَانِئََك هَُو الْاَبْتَر
- सूरह कौसर हिंदी में
- बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
- इन्ना आताय ना कल कौसर
- फसल ली लेराब्बिका वन हर
- इन्ना शनिआका हवाल अबतर
6 अल्लाहू अकबर कहकर रुको में जाए | 7 फिर यह तस्बीह पढ़े (सुभाना रब्बियल अजीम) سُبْحَانَ رَبِّيَ اْلعَظِيْم |
8 सामी अल्लाहु लीमन हमीदा(سمع الله لمن حمده) (कहते हुए खड़े हों) | 8 फिर कहे (रब्बाना लकल हमद) ربنا لك الحمد |
9 अल्लाहू अकबर कह कर सजदा में जाए | 10 सजदा में यह पढ़ें सुभाना रबियाल आला (سُبْحَانَ رَبِّيَ الْاَعْلٰى |
11 अल्लाहू अकबर का कर बैठ जाए | 12 फिर अल्लाहु अकबर कह कर दूसरी सजदा करें और सजदा में पढ़े (सुभाना रब्बियल आला سُبْحَانَ رَبِّيَ الْاَعْلٰى ¹ |
13 फिर अल्लाहू अकबर कहते हुए खड़े हो जाय | (नोट )एक रकात पूरी हो चुकी है |
दूसरी रकात बिल्कुल इसी तरह पढ़ें आऊजू बिल्लाह से पहले सना न पढ़ेंगे और पूरी नमाज इसी तरीके पर पढ़ेंगे और दूसरी सजदा के बाद बैठ जाएंगे और बैठकर अत्ताहियातु दरूद शरीफ और दुआ पढ़ेंगे
14 तशाहुद
اَلتَّحِيَّاتُ لِلّٰهِ وَالصَّلوٰاتُ وَالطَّيِّبَاتُ اَلسَّلَامُ عَليْكَ اَيُّهَا النَّبِيُّ وَرَحْمَةُ اللّٰهِ وَبَرَكَاتُهٗ اَلسَّلَامُ عَلَيْنَا وَعَلٰى عِبَادِاللّٰهِ الصَّالِحِيْنْ اَشْهَدُ اَن لَّا اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ وَاَشْهَدُ اَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهٗ وَرَسُوْلُهٗ
अत्ताहियातु लील्लाहि वस सलावातु वत तैयिबातु आस सलामू अलैका आईयू हन नबियू वराहमतुल्लाही वा बराका तूह
अस्सलामु अलाईना वा अला इबा दिल लाहीस सालिहीन अश हादू अल्ला इलाहा इल्लल्लाहु वा अश हादू अन्ना मुहम्मदन अब्दुहू वा रसूलूह
15 दारूदे इब्राहिम
اَللّٓهُمَّ صَلِّ عَلٰى مُحَمَّدٍ وَعَلٰى اٰلِ مُحَمَّدٍ كَمَا صَلَّيْتَ عَلٰى اِبْرَاهِيْمَ وَعَلٰى اٰلِ اِبْرَاهِيْمَ اِنَّكَ حَمِيْدٌ مَّجِيْدٌ اَللّٰهُمَّ بَارِكْ عَلٰى مُحَمَّدٍ وَعَلٰى اٰلِ مُحَمَّدٍ كَمَا بَارَكْتَ عَلٰى اِبْرَاهِيْمَ وَعَلٰى اٰلِ اِبْرَاهِِيْمَ اِنَّكَ حَمِيْدٌ مَّجِيْدٌ |
अल्लाहुम्मा सल्ली आला मुहम्मद वा अला आली मुहम्मद कमा सल लेता आला इब्राहिमा वा अला आली इब्राहिमा इन्ना का हामी दुम मजीद अल्लाहुम्मा बारीक आला मुहम्मद वा अला आली मुहम्मद कमा बारकता अला इब्राहिमा वा अला आली इब्राहिमा इन्ना का हमीदुम मजीद |
16 दुआ ए मसूरा
اَللّٰهُمَّ اِنِّيْ ظَلَمْتُ نَفْسِيْ ظُلْمًا كَثِيْرًا وَّلَا يَغْفِرُ الذُّنُوْبَ اِلَّا اَنْتَ فَاغْفِرْ لِيْ مَغْفَِرةً مِّنْ عِنْدِكَ وَارْحَمْنِيْ اِنَّكَ اَنْتَ الْغَفُوْرً الرَّحِيْم
अल्लाहुम्मा इन्नी जालम तू नफ़्सी ज़ुल्मन कसीरा वाला यग फ़िरूज ज़ुनूबा इल्ला अंता फाग फिरली मग फ़िरातम मिन इनदीका वार हमनी इन्ना का अंतल गफुरार रहीम
17 सलाम फिरे
अस्सलाम वालेकुम और रहमतुल्ला) कह कर दाएं जानिब मुड़े | फिर (अस्सलामू आलेकुम वराहमतुल्लाह) कहकर बाय जानिब मुड़े |
आखरी बात
हमने इस पोस्ट में तहज्जुद की नमाज का तरीका तरतीब वार (tahajjud ki namaz Ka Tarika step by step) सिखा और हमने जाना की तहज्जुद की नमाज कौन से वक्त पढ़ना चाहिए
और तहज्जुद की नमाज कितनी रकात है तहज्जुद की नमाज की नियत कैसे करें एक-एक चीज को हमने सीख लिया है
सीखने केबाद हमें तहज्जुद की नमाज जरुर पढ़नी चाहिए और हो सके तो अपने रिश्तेदारों को भी जरूर पढ़ने की ताकीद करें अगर उनको तहज्जुद की नमाज पढ़ना नहीं आता है तो उन तक जरूर इस पोस्ट को शेयर करें
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