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Taraveeh ki Namaz aurat kaise padhe

Taraveeh ki Namaz aurat kaise padhe | औरत तरावीह की नमाज पढ़ना सीखें

अस्सलामू आलेकुम मेरे भाई बहनों आज हम इस पोस्ट में Taraveeh ki Namaz aurat kaise padhe इसको सीखेंगे

Taraveeh ki Namaz aurat kaise padhe

हम मुसलमान रमजान में दो काम पाबंदी के साथ करते हैं पहला पूरे रमजान का रोजा रखते हैं और दूसरा रात में तरावीह की नमाज पढ़ते हैं

तरावीह की नमाज पढ़ना जिस तरह मर्द हजरत के लिए जरूरी है इसी तरह औरत के लिए भी तरावीह की नमाज जरूरी है

और जान बूझ कर तरावीह की नमाज छोड़ना गुनाह का काम है तो आज हम इस पोस्ट में औरत तरावीह की नमाज कैसे पढ़े और उसका सही तरीका क्या है स्टेप बाय स्टेप सीखेंगे

Taraveeh ki Namaz aurat kaise padhe
Taraveeh ki Namaz aurat kaise padhe

Taraweeh ki Namaz ki niyat

तरावीह की नमाज पढ़ने से पहले आपको नियत करनी होगी और यह नियत दो दो रकात कर के करेंगे मैं नियत करती हूं दो रकात नमाज तरावी की सुन्नत अल्लाह के वास्ते रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ

Taraweeh ki Namaz for ledies

अल्लाहू अकबर कहकर दोनों हाथों को कंधे तक उठाएं और सीने पर बांध ले दाहिने हथेली को बाएं हथेली पर रखें उसके बाद सना पढ़ें

उसके बाद आऊजू बिल्लाह और बिस्मिल्लाह पूरी पढ़ें उसके बाद अल्हम्दु शरीफ पढ़ें उसके बाद कोई सूरह पढ़ें

उसके बाद अल्लाहू अकबर कहकर रुकु में जाएं और रुकु की तस्बीह सुब्हाना रब्बियल अजीम 3 बार पढ़ें और उसके बाद खड़ा हो जाए सामी अल्लाहु लीमन हमीदा कहते हुए फिर रब्बाना लकल हमद कहें

उसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदा में जाएं और सजदा में 3 बार सुब्हाना रब्बियल आला कहें फिर उसके बाद अल्लाहु अकबर कहकर उठ कर बैठ जाएं

फिर अल्लाहु अकबर कहकर दूसरी सजदा करें और सजदा में भी 3 बार सुब्हाना रब्बियल आला कहें और उसके बाद सजदा से अल्लाहु अकबर कहते हुए खड़ा हो जाए

उसके बाद फिर अल्हम्दु शरीफ पढ़ें फिर कोई सूरह पढ़ें उसके बाद अल्लाहु अकबर कहकर रुकु करें और रुकु में 3 तीन बार सुब्हाना रब्बियल अजीम पढ़ें

और उसके बाद सामी अल्लाहु लीमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएं फिर रब्बाना लकल हमद कहें

फिर अल्लाहू अकबर कहते हुए सजदा में जाए और सजदा में 3 बार सुब्हाना रब्बियल आला पढ़ें फिर सजदा से अल्लाहू अकबर कहकर उठकर बैठ जाएं

और फिर अल्लाहू अकबर कहकर दूसरी सजदा करें फिर 3 बार सुब्हाना रब्बियल आला कहें और उसके बाद अल्लाहू अकबर कहकर उठकर बैठ जाएं फिर तशह्हुद दरूद ए इब्राहिम और दुआएं मसूरा पढ़ें

उसके बाद अस्सलामु आलेकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए गर्दन को दाहिने तरफ घुमाए फिर अस्सलामू आलेकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए गर्दन को बाएं तरफ घुमाए

इसको सलाम कहा जाता है अब दो रकात तरावीह की नमाज पूरी हो गई और इसी तरह दो दो रकात करके आप तरावीह की 20 रकात नमाज पढ़ें.

Taraweeh ki Namaz kitni rakat hoti hai

तरावीह की नमाज कितनी रकात है इस बारे में मुख्तलिफ रिवायत है हजरत अब्दुल्ला इब्ने अब्बास रज़ी याल्लाहु अन्हू फरमाते हैं कि आप ﷺ रमजान में 20 रकात पढ़ा करते थे (مصنف ابن شيبه)

और हजरत सईब बिन जैद राजी याल्लाहू अन्ह फरमाते हैं कि हम हजरत उमर रज़ी याल्लाहु अन्हू के जमाने में 20 रकात तरावीह और वितर पढ़ते थे (بيهقي)

taraweeh ki Namaz kya hai sunnat hai ya nafil

तरावीह की नमाज सुन्नत ए मुअक्कदह है जिसे पढ़ना हर मुसलमान बालिग मर्द और औरत के लिए जरूरी है और जानबूझकर छोड़ना गुनाह का काम है.

Taraweeh ki namaz me kitni surah padhe

तरावीह की नमाज में पूरा कुरान शरीफ सुनना और सुनाना सुन्नत है लेकिन औरतें को अपने घर में किसी हाफिज के पीछे पूरा कुरान करीम सुनने का मौका न मिले तो खुद ही से तरावीह की नमाज पढ़ें.

और जो सुरह याद हो उसी सूरह को तरावीह की नमाज में पढ़ें हर रकात के लिए अलग-अलग सूरह पढ़ना जरूरी नहीं है क्योंकि तरावीह की नमाज का हुक्म और नमाज ही की तरह है.

FAQ

क्या औरत के लिए तरावीह पढ़ना अनिवार्य है?

जी हां हर मर्द औरत के लिए तरावीह की नमाज पढ़ना जरूरी है क्योंकि तरावीह की नमाज सुन्नत ए मुअक्कदह है और इसे बगैर उजर के छोड़ना गुनाह है

तरावीह की नमाज में क्या पढ़ना चहिए ?

तरावीह की नमाज और नमाजों की तरह है जिस तरह दूसरे नमाज पढ़ते हैं इसी तरह तरावीह की नमाज भी पढेंगे,

आखिरी लफ्ज़

आज हमने इस पोस्ट में Taraveeh ki Namaz aurat kaise padhe इसको सीखा है अगर आपने इस पोस्ट को मुकम्मल पड़ा है

तो उम्मीद है कि आप तरावीह की नमाज कैसे पढ़े सीख गए होंगे अगर आपके मन में तरावीह से रिलेटेड कोई सवाल हो तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं,

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